Fucking girlfriend in office after drinking alcohol – Hindi Chudai Kahaniyan

Fucking girlfriend in office after drinking alcohol – Hindi Chudai Kahaniyan

Shaadi Ke Baad Mili Purani Girlfriend Ki Office Mein Chudai

हेलो दोस्तों मेरा नाम सोनू हैं। मैं हिंदी सेक्स कहानी का रेगुलर पाठक हूं। आज मेरे मन में आया कि क्यों ना मैं भी अपनी कहानी सब के साथ शेयर करूं।

इस कहानी मैं मैंने जगहों के नाम और मेरी गर्लफ्रेंड का नाम बदल दिया हैं। बाकी की कहानी सौ फीसदी सच्ची हैं।

मैं दिल्ली का निवासी हूं, और ये कहानी 2019 नवम्बर की हैं, जब मैं चौबीस साल का था, और मेनका बीस साल की। दोस्तों दिल्ली की सर्दी पूरे भारत में मशहूर हैं। मेरा दिल्ली में उस वक़्त एक छोटा सा कॉल सेंटर था, जिसमें हम अलग-अलग सेवाएं प्रदान करते थे।

हुआ यूं कि एक दिन मैं ऑफिस में बैठा हुआ था, तो मेरे दोस्त जिसका नाम मोहित हैं (बदला हुआ नाम) उसका कॉल आया, और उसने मुझे बताया-

मोहित: यार तेरी एक्स का कॉल आया था, उसे जॉब की जरुरत हैं। तो क्या तू उसे अपने ऑफिस में लगवा लेगा?

तो मैंने कहा: मुझे कोई दिक्कत नहीं हैं। उससे पूछ ले।

तो उसने कॉन्फ्रेंस कॉल करके बात करवाई। मैंने अपने ऑफिस का एड्रेस दिया, और उसे आने को कहा, तो वो शाम को चार बजे ऑफिस आई। दोस्तों मैं आपको थोड़ा सा मेनका के बारे मैं बता दूं‌। वो लगभग पांच फुट की है। उसका फिगर पूरा जीरो है, पर उसकी चूचियां एक-दम टाइट, और ऐसी कि मैं आपको क्या बताऊं। जब वो आयी तो मैं उसे देखता ही रह गया।

फिर वो आके मेरे केबिन में बैठी। थोड़ी देर इधर-उधर की बातें करने के बाद मैंने उसे ऑफिस के बाकी स्टाफ से मिलवाया, जिसमें चार लड़कियां उर्मि, पूजा, शगुन और निशा थी, और दो लड़के अर्पित और ध्रुव थे। अर्पित पहले से मेनका को पहचानता था, और उसे देख कर मेरी और उसने देखा और हसने लगा।

मैंने सबको बताया: मेनका कल से आपके सब के साथ टीम लीडर की पोस्ट पर ज्वाइन करेगी।

इसमें उर्मि ने मेरी तरफ देखा और थोड़ा अजीब सा मुंह बनाया। यहां मैं आपको थोड़ा उर्मि के बारे मैं बता दूं। उर्मि अठाईस साल की एक तलाकशुदा लड़की है। उसने शादी के एक महीने बाद ही पति से तलाक ले लिया‌। उसका फिगर पूरा मान लो जवानी की पूजा भट्ट की तरह था। वो मुझ पर बहुत लाइन मारती थी, मगर मैंने कभी उसे भाव नहीं दिया।

शाम को सात बजे छुट्टी के टाइम उर्मि और अर्पित जो कि मेरा बहुत अच्छा दोस्त हैं, मेरे केबिन में आये, और अर्पित ने मुझसे पूछा-

अर्पित: भाई दो साल से कभी टीम लीडर की जरुरत नहीं पड़ी। आज अचानक से क्यों?

ये पूछ वो रहा था, पर ये शब्द उर्मि के थे। क्यूंकी उर्मि उस ऑफिस को अपना समझ के बहुत लगन से काम करती थी। तो मैंने अर्पित को कहां-

मैं: यार मेनका थोड़ा परेशानी में थी। किसी दोस्त से कॉल करवाया था, तो मैंने जॉब ऑफर कर दी।

इसके बाद उर्मि ने अर्पित को कहां: सर आप चलो, मुझे सर से अकेले में कुछ बात करनी हैं।

इसके बाद उर्मि ने मेरी तरफ देखा और कहां: सर एक बात बताओ। मैं आपसे कुछ नहीं मांगती, ना आपको ये कह रही हूं कि आप मुझसे शादी करो, पर आप मुझे अपनी गर्लफ्रेंड तो बना सकते हो ना? मैं आपकी शादी-शुदा लाइफ में बिलकुल भी परेशानी नहीं करुंगी। सर प्लीज आप मुझे गर्लफ्रेंड बना लो।

तो मैंने हमेशा की तरह उससे कहां: सॉरी, पर मुझे इस बात में कोई दिलचस्पी नहीं हैं।

अगले दिन से मेनका ने ऑफिस ज्वाइन कर लिया। दोस्तों यहां एक बात मैं आपको सबको बताना भूल गया कि मेरी वाइफ ने नवम्बर में ही एक बेटी को जनम दिया था, और वो पांच महीने से अपने मायके में ही रह रही थी। अब दो चार दिन तो सब ठीक चल रहा था।

एक दिन घर से वाइफ का कॉल आया कि बेटी की तबियत खराब हो रही थी ठंड की वजह से, तो आप शाम को आते हुए रूम हीटर ले आओगे? तो मैंने उसे कहा ठीक हैं। मेरा घर और ससुराल एक घंटे की दूरी में ही है, और मैं हफ्ते में एक बार अपने ससुराल जरूर जाता हूं क्यूंकी वहां मेरी अपनी और अगल-बगल की कुल दस सालियां हैं।

बेटी की तबियत का सुन कर मैं थोड़ा सा परेशान हो गया‌। लंच टाइम में हम सब खाना खा रहे थे। क्यूंकी मैं हमेशा ऑफिस में सब के साथ ही लंच करता था, तो अर्पित ने मुझसे पूछा-

अर्पित: क्या हुआ? क्यों परेशान हैं?

तो मैंने बताया: यार बेटी की तबियत थोड़ी खराब हैं।

तो उसने कहा: परेशान ना हो, ठंड इतनी हैं यार, हो जाता हैं।

फिर हमने अपना लंच खत्म किया, और मैं ऑफिस के किचन में जाके सिगरेट पीने लग गया। मेनका वाशरूम की तरफ जा रही थी, और उसने मुझे किचन जो कि वाशरूम के बगल में ही था, देखा, और किचन में आके मेरे गालों में किस्स करी, और मुझे हग करने लग गयी।

उसने कहा: टेंशन ना लो, सब ठीक हो जायेगा।‌

दोस्तों मेरा और उसका ब्रेकअप हुए डेढ़ साल हो चुका था। आज अचानक इस वाकये से मेरे मन में कुछ ख्याल आने लग गए। क्यूंकी मैं भी पिछले 6 महीने से भरा बैठा था। वैसे मैं रंडी खाने का बराबर का कस्टमर था। पर एक बोलते हैं ना कि शिकार करके खाने का मज़ा ही अलग हैं।

ऐसे ही करते-करते तीन दिन और निकल गए। मेनका कभी मुझे प्यार से देखती, कभी मुझसे डबल मीनिंग बातें करती। इस पर उर्मि को थोड़ा शक होना चालू हुआ। अगले दिन सुबह से बहुत बारिश हुई और तगड़ा कोहरा भी पड़ा, तो ऑफिस पहुंच के पता चला कि सिर्फ मेनका और उर्मि ही ऑफिस आये थे।

तो मेनका और उर्मि दोनों मेरे केबिन में आये, और उन्होंने कहा: सर आज ठंड बहुत पड़ रही हैं, और कोई आया भी नहीं हैं ऑफिस। तो क्या आज एक बात मानोगे?

तो मैंने कहा: ठीक हैं, आप दोनों भी घर चले जाओ।

तो उर्मि ने गुस्से में कहा: सर पहले बात तो पूरी सुन लिया करो।

मैंने कहा: अच्छा बोलो।

तो उसने कहा: सर आज आपके साथ ड्रिंक करने का मन हैं, प्लीज मन मत करना।

मैंने तुरंत मेनका की तरफ देखा, और पूछा: तुम कब से पीने लग गयी?

तो उर्मि ने कहां: सर आप इन्हें क्या पहले से जानते हो?

तो उस दिन मैंने उसे सच बताया कि मेनका मेर शादी से पहले की गर्लफ्रेंड थी, जो सुन के उर्मि का चेहरा उतर गया। मैंने तुरंत टॉपिक चेंज करते हुए कहा-

मैं: बताओ क्या मंगवाना हैं?

तो उर्मि ने कहा: सर ठंड इतनी पड़ रही हैं, ऐसे मौसम में तो रम पीना ही बनता हैं।

तो मैंने ऑफिस के चौकीदार अंकल को बुला कर कहा: काका दो बोतल ओल्ड मोंक की रम ले आओ, और साथ में चखने का सामना ले लेना। आपको भी जो लेना हैं ले आना।

अंकल थोड़ी देर में सामान लेके आ गये, और हमने बारह बजे से पीनी चालू कर दी। चार-चार पेग लेने के बाद उर्मि को थोड़ा नशा होने लगा और वो बोलने लगी-

उर्मी: आज पता चला कि आप मुझे भाव क्यों नहीं देते हो।

और वो उल्टा-सीधा बकने लगी।

तो मैंने उससे कहा: उर्मि तुम्हे नशा हो गया हैं।‌ जाओ कालिंग वाले केबिन के सोफे पर जाके सो जाओ। नशा उतर जाये तो घर चली जाना।

तो उसने कहा: आप मुझे सुला कर आओ।

जिसपे मेनका के चेहरे पर मैंने गुस्सा देखा, पर मैं उसे लिटाने ले गया। उसे लिटा कर मैंने उसके ऊपर एक ब्लैंकेट डाल दिया। जैसे ही मैं वापिस आने लगा, उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने पास खींचा, और मुझे किस्स करने की कोशिश करने लगी। मैंने उससे डांटा और अपना हाथ छुड़वा कर वापिस अपने केबिन में आ गया।

मेरे पूरे ऑफिस में कैमरे लगे हुए हैं, सिर्फ मेरे केबिन को छोड़ कर। मेनका ने ये नज़ारा कैमरा में देख लिया। मैं जैसे ही वापिस आया उसने कहां-

मेनका: कर लेते किस्स, इतनी सुन्दर हैं, सेक्सी भी हैं। क्यों नहीं किया? अगली सामने से ऑफर दे रही थी।

तो मैंने भी तंच मारते हुआ कहा: तुम्हें क्यों बुरा लग रहा है? तुम मेरी अब गर्लफ्रेंड थोड़ी ना हो।

जिसपे उसने मेरी शर्ट खींच कर अपनी और खींचते हुआ कहां: मैं तुम्हारी कुछ नहीं लगती?

मैंने शर्ट छुड़वा कर उससे पूछा: और पीनी हैं?

तो उसने हां में जवाब दिया। फिर मैंने दूसरी बोतल खोल कर इस बार टाइट पेग बनाये। दो-दो पेग लेने के बाद अब मेनका को भी नशा होने लगा, और उसने मुझसे कहा-

मेनका: सच बोलना, मैं यहां हूं इसलिए तुमने उर्मि को किस्स नहीं किया ना?

तो मैंने उसे बताया: वो इस ऑफिस में दो साल से काम कर रही हैं। जोइनिंग के बाद दूसरे महीने में ही उसने अर्पित से मेरे बारे में बहुत कुछ पूछा कि मुझे क्या पसंद हैं। और भी बहुत कुछ। उसने दसों बार मुझे परपोज़ किया हुआ हैं, पर मैंने हर बार मना कर दिया।

तो मेनका ने मुझे टाइट हग करते हुए कहां: सच बोलना, करते हो ना आज भी मुझसे प्यार?

तो मैंने भी उसे हग करते हुआ बोला: हां, पर यार अब इन सब बात का कोई फायदा नहीं हैं। मेरी बेटी हो चुकी है, और मैं अब लाइफ में आगे बढ़ चुका हूं।

उसके बाद हमने बाकी की बोतल भी खत्म की, और अब हम दोनों को जबरदस्त नशा हो गया। मेनका मेरे केबिन में रखे सोफे पर लेट गई, और मैंने उसको एक ब्लैंकेट ओढ़ा दिया। मेरे केबिन से बाहर वालों को अंदर का कुछ नहीं दिखता। मैं बाहर जाने लगा, तो वो मुझसे बोली-

मेनका: उर्मि के पास सोना है क्या?

सोफा इतना बड़ा था कि दोनों लोग चिपक कर लेट सकते थे।

तो मैंने कहां: यार यहां लेटा तो कुछ गड़बड़ हो जाएगी।

उसने कहां: कुछ नहीं होगा, चुप-चाप लेट जाओ।

मैं भी चुप-चाप उसके बगल में लेट गया। थोड़ी देर में मेनका मेरी तरफ पीठ करके लेट गयी, और मैं भी उसकी तरफ करवट करके लेट गया। धीरे-धीरे मेरा पांच इंच का सामान खड़ा होने लगा, जोकि उसकी गांड में चुभने लगा। क्यूंकी सोफे में इतनी ही जगह थी कि हमे चिपक कर लेटना पड़ा।

मैंने अपना हाथ मेनका के पेट के ऊपर दिया, और उसे अपना लंड चुभाने लगा। वो भी जागी हुयी थी, बस ड्रामा कर रही थी। तो मैंने हिम्मत करके हाथ टॉप के ऊपर से ही उसकी चूची पर रख दिया‌। उसने अभी भी विरोध नहीं किया, तो मैं समझ गया कि लाइन क्लियर थी।

मैंने तुरंत उसके टॉप के अंदर हाथ डाल कर उसकी चूची को तेज़ी से दबाया, तो उसके मुह से प्यारी से सिसकारी निकल गयी। उसने ऊपर से मेरे हाथ पर हाथ रखा, तो मैंने तुरंत उसे बिठा कर उसका टॉप उतार दिया, और उसे पूरी तरह से नंगी कर दिया। अब मैं उसकी चूचियों पर टूट पड़ा, और दबा-दबा कर पीने लगा‌। वो भी अब फुल गर्म हो चुकी थी।

मैंने देर ना करते हुए 69 की पोजीशन बना कर उसकी चूत पर जीभ चलानी चालू कर दी। आज भी वैसी ही टाइट चूत थी उसकी, जैसे डेढ़ साल पहले थी। थोड़ी देर में वो झड़ गयी।‌ फिर वापिस उसी पोजीशन में आके मैं उसकी लेफ्ट चूची पर जो तिल है, उस पर किस्स करने लगा।

अब वो मुझे किस्स करने लगी, और मेरी जीभ चाटने लगी। मैंने भी उसका पूरा साथ दिया। अब मैंने उसकी टांगो के बीच में आते हुए उसकी चूत पर लंड को टिकाया, और धीरे से धकेलते हुए उसके ऊपर लेट कर उसे किस्स करने लगा। अभी आधा लंड ही उसकी चूत में घुसा था, कि वो फिर से झड़ गयी, तो मैंने तेज़ी से एक झटका और मारा। अब पूरा लंड उसकी चूत में घुस चूका था, और उसकी मुंह से आह आह उह की मीठी-मीठी सिसकारियां निकलने लगी।

मैं अब फुल तेज़ी से उसे चोदने लगा, और इस बीच वो चौथी बार झड़ गयी। कुछ देर बाद मेरा भी होने वाला था।

मैंने उससे पूछा: कहां निकालूं।

उसने कहां: अंदर ही आ जाओ।

मैंने उसकी चूत में ही अपना पूरा वीर्य बहने दिया, और उसके ऊपर निढाल होके लेट गया। वो मुझे टाइट से हग करने लगी, और मुझे चूमने लगी। थोड़ी देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया, तो मैंने कहा एक राउंड और हो जाए।

तो उसने कहा: तुम्हारे लिए एक क्या, कहो तो पूरी रात यहीं रुक जाऊं।

मैं उसे घोड़ी बना कर उसकी चूत को फिर से चोदने लगा। दोस्तों उस दिन सात बजे तक हमने चार बार चुदाई की।

फिर मेनका ने कहां: आज तो पहली बार वाला मज़ा आ गया।

मैंने उसे पहली बार कब और कैसे चोदा था, वो कहानी बाद में लिखूंगा। इसके कुछ दिनों बाद उर्मि को इसका पता चल गया, तो ना चाहते हुए मैंने उसे भी चोद दिया। ये कहानी भी बाद में लिखूंगा। दोस्तों ये मेरी पहली कहानी थी। आशा करता हूं आप सबको पसंद आएगी, और मुझे मेल करके जरूर बताइयेगा कि कैसी लगी मेरी सेक्स कहानी। ताकि बाकी की कहानी लिखने का हौंसला मिल सके। आपका दोस्त सोनू।

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