Maa beta sex kahani – मां की चुदाई बेटे ने की जमकर

Maa beta sex kahani – मां की चुदाई बेटे ने की जमकर

पापा टूर पे, बेटा माँ के बुर में माँ बेटे की चुदाई की सेक्सी कहानी

माँ-बेटे की ये सेक्स कहानी उस दिन शुरू हुई, जब मैं टीवी देख रहा था और मेरी नज़र अपनी माँ पर पड़ गई, जो बाथरूम में कपड़े धो रही थी। सुरक्षित टी-शर्ट पहननी थी, जो पानी से पूरी तरह गीली हो चुकी थी। वो अन्दर ब्रा नहीं पहनती थी, और टी-शर्ट उनके चूचियाँ से चिपक गयी थी। उनके निप्पल और चूचियों की गोलाई बिल्कुल साफ-साफ दिख रही थी।

टी-शर्ट गीली होने की वजह से उनका पेट और नाभि भी दिख रहे थे। मैं टीवी पर काम कर रहा हूं और मां को ज्यादा देख रहा हूं। कभी-कभी जब वो थोड़ी झुकती थी, तो ऊपर से आधी चूचियां दिख जाती थी।

दोस्तों, बस वही से शुरुआत हुई थी। मेरा लंड खड़ा होने लगा था. मैंने टीवी पर फैशन चैनल लगा लिया, जिसकी ब्रा और पैंटी में मॉडल दिख रही थी, लेकिन मुझे जो अपनी मां का बदन दिख रहा था, वो किसी मॉडल से कम नहीं लग रहा था।

अब मैं अपने बारे में भी थोड़ा बता दूं। मैं 21 साल का हूं, और पढाई करता हूं। मैं अपने माँ-बाप का एकलौता बेटा हूँ। पिता जी अक्सर टूर पर रहते हैं, तो घर में सिर्फ मैं और मेरी माँ रहती हैं।

मेरी माँ 38 साल की हैं, लेकिन उनकी शादी जल्दी हो गई थी। मैं उनका पहला और अकेला बेटा हूं। क्या वजह से मां कभी भी 38 की नहीं लगती। वो तो 26 साल की औरत की तरह दिखती हैं। मेरे पापा इस मामले में उनसे काफी ज्यादा बुडे लगते हैं।

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कई बार पापा के दोस्तों को मैंने कहा सुना है, “गुप्ता जी, क्या बात है, भाभी जी तो दिन-प्रतिदिन जवान होती जा रही हैं और आप दिन-प्रतिदिन बड़े हैं। ऐसे नहीं चलेगा! अपने शरीर को मेन्टेन करके रखो।”

हमें वक्त था बस मुस्कुराके रह जाती थी और पापा को गुस्सा आ जाता था। लेकिन माँ, वाह! ज़बरदस्त माल है. टाइट चूचियां, बड़ी-बड़ी गोल-गोल. गांड का उपहार तो गजब का है. ठोस शरीर, लंबे-लंबे बाल, गोरा रंग, और वो होठ- ऐसा लगता है कि बस चबा जाऊं।

वही टीवी देखते-देखते सोचा, क्यों ना थोड़ा और करीब जाके देखु। मैं धीरे से उनके पास जाकर खड़ा हो गया। अब तो सब कुछ और भी साफ-साफ दिख रहा था।

तभी मम्मी बोलीं, “मेरे राजा, भूख लगी है क्या? बस 10 मिनट और दे, कपड़ा अभी हो जाएगा।”

मैंने कहा, “नहीं, नहीं, आप अपना काम कर लो।”

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मैने कहा, “मुझे भूख नहीं लगी है। मम्मी, आज आप से कुछ बात करनी है। आपको तो पता है, आप ही मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो। और आप हमेशा कहते हो कि जो भी बात हो, आपके साथ शेयर करना चाहिए, चाहे जैसी भी बात हो। कुछ छुपाना नहीं चाहिए।”

मम्मी खादी हो गई, और जैसे ही उन्होंने अपने आप को सीधा किया, उनकी चूचियां और ज्यादा तनी हुई लग रही थी और उनकी टी-शर्ट से चिपकी हुई थी। मेरा ध्यान सिर्फ उनके बब्स पर ही था। मम्मी समझ गई कि मैं बार-बार उनकी चूचियों को देख रहा हूं।

अपनी टी-शर्ट को नीचे खींच कर ठीक किया। अब वो चिपकी तो नहीं थी, लेकिन निप्पल अब भी ऊपर से साफ-साफ दिख रहा था।

फिर मम्मी मेरे साथ बाहर आईं और सोफे पर बैठ गईं। मैं उनके बगल में बैठ गया. अन्होने कहा, “पूछ, क्या पूछना चाहता है?”

मैने कहा, “मम्मी, क्या हर लड़के के लिए गर्लफ्रेंड होना जरूरी है?”

अनहोने जल्दबाजी में जवाब दिया, “हां, हां, क्यों नहीं? जवां होने के बाद और भी चीजें चाहिए होती हैं इंसान को। ये तो ऊपर वाले ने बनाया है, इसमें शरमाने की क्या बात है।”

फिर उनसे पूछा, “क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?”

मैंने कहा, “नहीं, कोई नहीं है।”

मम्मी ने मुझे गले लगा लिया और कहा, “तुझे गर्लफ्रेंड की ज़रूरत नहीं है, तू तो जवान हो गया है।” गले लगते वक्त मेरा मुँह उनके बब्स के पास था। मेरे होठ उनके दोनों चूचियों के बीच थे, और उनका टी-शर्ट फिर से चिपक गया था।

मैंने उनके निप्पल को उंगली से चुनना शुरू किया। मम्मी हंसी और बोली, “तू बहुत बदमाश हो गया है।”

तभी मैंने अपने होठ उनको निप्पल पर लगा दिये। मम्मी ने मुझे और ज़ोर से अपने पास चिपका लिया।

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मैं उनके निपल को दोनों होठों के बीच दबा दिया, उनके मुँह से आवाज आई, “उफ्फ्फ उफ्फ्फ, क्या कर रहा है मेरा बच्चा?” मैं चुप रहा और फिर दूसरे बूब को अपने हाथ से सहलाने लगा।

माँ मुझे अपने भगवान में ले लिया और बोली, “बाहर का दरवाजा बंद तो है ना?”

मैंने कहा, “हां,” और वो फिर अपनी टी-शर्ट ऊपर कर के अपनी चूचियां मेरे मुंह में डाल दी। मेरा लंड खड़ा हो गया था. मैं अंडरवियर नहीं पहनता था, तो पजामे से साफ-साफ दिखने लगा। माँ मेरे बालों को सहलाने लगी और “उफ़ उफ़ उफ़” करने लगी।

फिर वो मेरी छति को सहलाते हुए मेरा लंड तक पहुँच गयी। मैं उनकी चूचियों को पीने लगा और तभी उन्हें मेरा लंड पकड़ लिया। वो बोली, “अरे, कितना बड़ा हो गया है।”

मैंने चुपचाप चापर करके उनके निपल को चूस रहा था, और वो अंगड़ाई लेने लगी। फिर अन्होने अपनी टी-शर्ट उतार दी। माँ के पसीने की खुशबू आने लगी, और मैं भी मदहोश हो गई। मैं उनकी नाभि में अपनी जीभ फेरने लगा। माँ उठने को बोली, और मैं उठ गया। माँ वही लेते-लेते मुझे अपनी तरफ खींच ली और मेरे होठों को ज़ोर-ज़ोर से चुनने लगी।

मैं उनके ऊपर बैठ गया. वो सिर्फ सलवार में थी और नीचे से हौले-हौले धक्का देने लगी। मैंने उनके होठ, गाल, कान और बगीचे को छूने लगा। तभी उन्हें अपना नाडा खोल दिया; वो पैंटी नहीं पहचानी थी. मैंने अपना हाथ अन्दर घुसा दिया और उनकी चूत को सहलाने लगा। वो अपनी जोड़ी के बीच मेरे हाथ को दबाने लगी। अचानक लगा कि उनकी चूत से पानी निकलने लगा, और वो मुझे वाइल्ड किस करने लगी।

मैं थोड़ा नीचे हो गया और उनकी सलवार उतार दी।

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माँ मेरे सामने ही सोफ़ा पे नंगी लेती थी। मैंने उनको दोनो जोड़ी अलग करके उनकी चूत को देखने लगा। तभी माँ बोली, “देख क्या रहा है? चाट मेरी चूत को! आज मैं तुझे ट्रेनिंग दूंगी, ताकि तू अपनी गर्लफ्रेंड को अच्छे से कैसे छोड़ेगा, ये सीख सके।”

मैं उनकी चूत को चटने लगा, और वो मेरे बालों को पकड़ कर अपनी चूत में रगड़ने लगी। वो नमकीन पानी मेरे मुँह में आने लगा। माँ अपनी गांड उठा-उठा कर अपनी चूत को मेरे मुँह पे रगड़ने लगी। फिर मैंने उनको दोनों जोड़ी उठा दी और अपना लंड निकाल लिया।

पर माँ उठ कर बैठ गई और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चाटने लगी। वो बोली, “कितना मोटा और बड़ा है! तुम्हारे पापा का तो अब छोटा हो गया है और इतना कठिन भी नहीं होता।” फिर वो “आह आह आह” करते हुए चटने लगी।

मैं कभी-कभी धक्के देता हूं, तो लंड उनके मुंह में पूरा समा जाता है और उन्हें सांस लेने में थोड़ी दिक्कत होती है। फिर माँ लेट गई और मुझे अपने ऊपर बुला लिया। अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के पास सेट किया, और मैंने एक ज़ोर का धक्का लगा दिया। माँ के मुँह से आवाज़ आई, “आह… उफ़… आउच…” और वो अपनी गांड को ऊपर नीचे करने लगी।

मैं नया था, तो मुझे ज़्यादा पता नहीं था।

माँ बोली, “खूब ज़ोर-ज़ोर से अन्दर घुसाओ,” और मैंने वही किया। मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगा, और हर एक धक्के के साथ उनकी चूचियाँ ऊपर नीचे होने लगीं। उनके मुँह से “आह आह आह” की आवाज़ निकल रही थी। करीब दस मिनट तक मैंने ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाए, और फिर मेरे लंड से ज़ोर से फिचकारी निकली, जो सीधी माँ की चूत के अंदर चली गई। माँ ने ज़ोर से एक लंबी सांस ली और फिर शांत हो गई।

मैं भी निधाल होकर उनके ऊपर लेट गया और करीब आधे घंटे तक सोया रहा। फिर हम दोनों उठे और साथ-साथ नंगे नहाने चले गए। माँ मेरे लंड में सबुन लगने लगी और मैं उनकी चूत और स्तन में। फिर हम दोनों ने साथ मिलकर खाना खाया और बेडरूम में सो ने चले गए।

माँ बोली, “कपड़े खोल लो,” और उन्हें भी अपने सारे कपड़े उतार दिये। उस रात हम दोनो फिर से चुदाई किये और उसकी तरह सो गये।

दोस्तों, उसके बाद जब भी हम मन करते हैं, हम सेक्स करते हैं। जब पापा टूर पर होते हैं, मैं मां के साथ ही सोता हूं। और जब पापा यहां होते हैं, तो मां आधी रात को उठकर मेरे बिस्तर पर आती हैं, मुझसे चुदवाकर फिर पापा के बिस्तर पर लौट जाती हैं।

आप यहां घर के अंदर की देसी कहानी हमारी वेबसाइट the adlockpost.com पर पढ़ रहे हैं। मैं जल्दी ही अपनी दूसरी कहानी यहीं पर ले कर आने वाला हूं। तब तक आप इस वेबसाइट को जरूर विजिट करें।

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